पवित्र रिश्ता:
आज दिनांक २०.११.२३ को प्रदत्त विषय
पवित्र रिश्ता:पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति:
पवित्र रिश्ता:
------------------------------------------
स्वार्थी मानव की ख़्वाहिशों से रिश्ते अपवित्र हो जाते हैं,
टूट जाते ऐंसे रिश्ते दिल मे एक कांटा छोड़ जाते हैं।
जब भी वह दिखायी देता कटु स्मृति ताज़ा हो जाती,
दिल मे क्रोध जाग उठता है, अद्रश्य प्रतिकार भावना आती।
हर रिश्ते का सम्मान करो, रब का दिया उपहार हैं ये,
जग मे सम्मान दिलाते हैं, नहीं चाहते हैं कुछ ये।
नारी पूज्या है सर्व रूप मे मां रूप मे ईश्वर है,
बेटी, भगिनी , अनजान भी हो,नारी साक्षात परमेश्वर है ।
ईश्वर ने अपने गुण दे कर नारी को पृथ्वी पर भेजा है,
दमन करने नराधमो का पृथ्वी का भार सहेजा है।
नारी का सम्मान करो तो,हर नारी मे मां का दर्शन होगा,
जय स्वार्थ से हट कर सोचो जीवन यहां स्वर्ग सम होगा।
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़
Gunjan Kamal
22-Nov-2023 05:56 PM
👏🏻👌
Reply
Reena yadav
20-Nov-2023 08:22 PM
👍👍
Reply